दिल बेचारा था, प्यार का मारा था घूमता था गलियोंं में,क्यों की वो आवारा था । - Aawargi Shayari

दिल बेचारा था, प्यार का मारा था घूमता था गलियोंं में,क्यों की वो आवारा था ।

Aawargi Shayari