ऐ ज़िन्दगी किस ओर ले चली हो मुझे, ये आवारगी तो मुझको खराब कर गयी। - Aawargi Shayari

ऐ ज़िन्दगी किस ओर ले चली हो मुझे, ये आवारगी तो मुझको खराब कर गयी।

Aawargi Shayari