हम  अपने बाप के पैसों से घूमते है लोग आवारा बोल बोल के हमें अपनी औकात भूलते है । - Aawargi Shayari

हम अपने बाप के पैसों से घूमते है लोग आवारा बोल बोल के हमें अपनी औकात भूलते है ।

Aawargi Shayari