बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर पलकों से लिख रहा था तेरा नाम चाँद पर। - Chand Shayari

बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर पलकों से लिख रहा था तेरा नाम चाँद पर।

Chand Shayari