चाँद से तुझ को जो दे निस्बत सो बे इंसाफ़ है चाँद के मुँह पर हैं छाईं तेरा मुखड़ा साफ़ है! - Chand Shayari

चाँद से तुझ को जो दे निस्बत सो बे इंसाफ़ है चाँद के मुँह पर हैं छाईं तेरा मुखड़ा साफ़ है!

Chand Shayari