इसमें में भी रब बसता है उसमे भी खुदा का साया है दुनिया उसकी महफ़िल है फिर कौन यहाँ पराया है। - Duniya Shayari

इसमें में भी रब बसता है उसमे भी खुदा का साया है दुनिया उसकी महफ़िल है फिर कौन यहाँ पराया है।

Duniya Shayari