तुम नहीं अब जहाँ में तनहा से हैं हम यहाँ बुला लो मुझे अपने जहाँ में दे न पाव तन्हाई का इम्तेहान। - Tanhai Shayari

तुम नहीं अब जहाँ में तनहा से हैं हम यहाँ बुला लो मुझे अपने जहाँ में दे न पाव तन्हाई का इम्तेहान।

Tanhai Shayari