हकीकत में खामोशी कभी भी चुप नहीं रहती कभी तुम ग़ौर ​से सुनना बहुत किस्से सुनाती है - Khamoshi Shayari

हकीकत में खामोशी कभी भी चुप नहीं रहती कभी तुम ग़ौर ​से सुनना बहुत किस्से सुनाती है

Khamoshi Shayari