एक उम्र है जो तेरे बगैर गुजारनी है और एक लम्हा है जो तेरे बगैर गुज़रता नही ! - Tareef Shayari

एक उम्र है जो तेरे बगैर गुजारनी है और एक लम्हा है जो तेरे बगैर गुज़रता नही !

Tareef Shayari