नादान था दिल मेरा इसलिए उसको भी नादान समझ लिया, वो तो इंसानी भेष में एक मतलबी शैतान था। - Matlabi Shayari

नादान था दिल मेरा इसलिए उसको भी नादान समझ लिया, वो तो इंसानी भेष में एक मतलबी शैतान था।

Matlabi Shayari