इस शहर के लोग बहुत मतलबी है, टूटते तारे को देख अपने लिए कुछ नायाब मांगते है। - Matlabi Shayari

इस शहर के लोग बहुत मतलबी है, टूटते तारे को देख अपने लिए कुछ नायाब मांगते है।

Matlabi Shayari