इस बाज़ार में आकर बाज़ार हो गया हूँ, ख़त बनाने आया था, अख़बार हो गया हूँ। - Akhbaar Shayari

इस बाज़ार में आकर बाज़ार हो गया हूँ, ख़त बनाने आया था, अख़बार हो गया हूँ।

Akhbaar Shayari