अर्से से इस दयार की कोई ख़बर नहीं  मोहलत मिले तो आज का अख़बार देख लें  - Akhbaar Shayari

अर्से से इस दयार की कोई ख़बर नहीं मोहलत मिले तो आज का अख़बार देख लें

Akhbaar Shayari