सो जाते हैं फूटपाथ पे अख़बार बिछा कर, मज़दूर कभी नींद की गोली नहीं खाते। - Akhbaar Shayari

सो जाते हैं फूटपाथ पे अख़बार बिछा कर, मज़दूर कभी नींद की गोली नहीं खाते।

Akhbaar Shayari