हादसों के जद आके क्या मुस्कुराना छोड़ देंगे  एक बस्ती बिखर गयी तो क्या बस्ती बसाना छोड़ देंगे.   - Basti Shayari

हादसों के जद आके क्या मुस्कुराना छोड़ देंगे एक बस्ती बिखर गयी तो क्या बस्ती बसाना छोड़ देंगे.

Basti Shayari