खुदगर्जो की बस्ती में एहसान भी गुनाह है, जिसे तैरना सिखाओ वही डुबाने को तैयार रहता है.  - Basti Shayari

खुदगर्जो की बस्ती में एहसान भी गुनाह है, जिसे तैरना सिखाओ वही डुबाने को तैयार रहता है.

Basti Shayari