बस्ती जंगल सी लगे, मैँ जाऊँ किस ओर, घात लगाये राह मेँ, बैठे आदमखोर. - Basti Shayari

बस्ती जंगल सी लगे, मैँ जाऊँ किस ओर, घात लगाये राह मेँ, बैठे आदमखोर.

Basti Shayari