इस बस्ती में कौन हमारे आँसू पोंछेगा, जो मिलता है उसका दामन भीगा लगता है.   - Basti Shayari

इस बस्ती में कौन हमारे आँसू पोंछेगा, जो मिलता है उसका दामन भीगा लगता है.

Basti Shayari