वो गुलबदन कभी निकला जो सैर ए सहरा को तो अपने साथ हवा ए बहार कर लेगा। - Bahaar Shayari

वो गुलबदन कभी निकला जो सैर ए सहरा को तो अपने साथ हवा ए बहार कर लेगा।

Bahaar Shayari