मौसम को मौसम की बहारों ने लूटा, हमे कश्ती ने नहीं किनारों ने लूटा। - Bahaar Shayari

मौसम को मौसम की बहारों ने लूटा, हमे कश्ती ने नहीं किनारों ने लूटा।

Bahaar Shayari