जेब में जरा सा सूराख क्या हुआ, सिक्कों से ज्यादा रिश्ते गिर पड़े।
 - New Shayari

जेब में जरा सा सूराख क्या हुआ, सिक्कों से ज्यादा रिश्ते गिर पड़े।

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