मिलने को तो हर शख्स एहतराम से मिला, पर जो मिला किसी न किसी काम से मिला।

मिलने को तो हर शख्स एहतराम से मिला, पर जो मिला किसी न किसी काम से मिला।

New Shayari

साँसों की माला में पिरो कर रखे हैं तेरी चाहतो के मोती, अब तो तमन्ना यही है कि, बिखरूं तो सिर्फ तेरे आगोश में।

साँसों की माला में पिरो कर रखे हैं तेरी चाहतो के मोती, अब तो तमन्ना यही है कि, बिखरूं तो सिर्फ तेरे आगोश में।

ना 🌟जाने 👩कितनी दुआओं का सहारा🌟 होगा, जब✨ कोई हमारा सिर्फ हमारा होगा।

ना 🌟जाने 👩कितनी दुआओं का सहारा🌟 होगा, जब✨ कोई हमारा सिर्फ हमारा होगा।

संभाले नहीं संभलता है दिल, मोहब्बत की तपिश से न जला, इश्क तलबगार है तेरा चला आ, अब ज़माने का बहाना न बना।

संभाले नहीं संभलता है दिल, मोहब्बत की तपिश से न जला, इश्क तलबगार है तेरा चला आ, अब ज़माने का बहाना न बना।

ज़िन्दगी से मेरी आदत नहीं मिलती, मुझे जीने की सूरत नहीं मिलती, कोई मेरा भी कभी हमसफ़र होता, मुझे ही क्यूँ मोहब्बत नहीं मिलती।

ज़िन्दगी से मेरी आदत नहीं मिलती, मुझे जीने की सूरत नहीं मिलती, कोई मेरा भी कभी हमसफ़र होता, मुझे ही क्यूँ मोहब्बत नहीं मिलती।

एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए, तू आज भी बेखबर है कल की तरह।

एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए, तू आज भी बेखबर है कल की तरह।

❣️मुश्किल भी तुम हो❣️, ❣️हल भी तुम हो❣️ ❣️होती है जो सीने में❣️, ❣️वो हलचल भी तुम हो❣️..!

❣️मुश्किल भी तुम हो❣️, ❣️हल भी तुम हो❣️ ❣️होती है जो सीने में❣️, ❣️वो हलचल भी तुम हो❣️..!

राज़ खोल देते हैं नाजुक से इशारे अक्सर, कितनी खामोश मोहब्बत की जुबान होती है।

राज़ खोल देते हैं नाजुक से इशारे अक्सर, कितनी खामोश मोहब्बत की जुबान होती है।

घर से निकलो तो पता जेब में रख कर निकलो, हादसे इंसान की पहचान तक मिटा देते है।

घर से निकलो तो पता जेब में रख कर निकलो, हादसे इंसान की पहचान तक मिटा देते है।

हवा से कह दो खुद को आज़मा के दिखाये, बहुत चिराग बुझाती है एक जला के दिखाये।

हवा से कह दो खुद को आज़मा के दिखाये, बहुत चिराग बुझाती है एक जला के दिखाये।

सीख रहा हूँ धीरे-धीरे इस दुनिया के रिवाज, जिससे मतलब निकल गया उसे दिल से निकाल दो।

सीख रहा हूँ धीरे-धीरे इस दुनिया के रिवाज, जिससे मतलब निकल गया उसे दिल से निकाल दो।

कुछ लोग मेरे शहर में खुशबू की तरह हैं, महसूस तो होते हैं पर दिखाई नहीं देते।

कुछ लोग मेरे शहर में खुशबू की तरह हैं, महसूस तो होते हैं पर दिखाई नहीं देते।

वो पहले सा कहीं मुझको कोई मंज़र नहीं लगता, यहाँ लोगों को देखो अब ख़ुदा का डर नहीं लगता।

वो पहले सा कहीं मुझको कोई मंज़र नहीं लगता, यहाँ लोगों को देखो अब ख़ुदा का डर नहीं लगता।

काँटे किसी के हक में किसी को गुलो-समर, क्या खूब एहतमाम-ए-गुलिस्ताँ है आजकल।

काँटे किसी के हक में किसी को गुलो-समर, क्या खूब एहतमाम-ए-गुलिस्ताँ है आजकल।

आप की खातिर अगर हम लूट भी लें आसमाँ, क्या मिलेगा चंद चमकीले से शीशे तोड़ के।

आप की खातिर अगर हम लूट भी लें आसमाँ, क्या मिलेगा चंद चमकीले से शीशे तोड़ के।

आईना फैला रहा है खुद-फरेबी का ये मर्ज, हर किसी से कह रहा है आप सा कोई नहीं।

आईना फैला रहा है खुद-फरेबी का ये मर्ज, हर किसी से कह रहा है आप सा कोई नहीं।

किसी ने तो दे रखा होगा उनको भी मक़ाम, वर्ना ये बेघर लोग यूँ मुस्कुराते न फिरते।

किसी ने तो दे रखा होगा उनको भी मक़ाम, वर्ना ये बेघर लोग यूँ मुस्कुराते न फिरते।

शाख से तोड़े गए फूल ने हँस कर ये कहा,  अच्छा होना भी बुरी बात है इस दुनिया में।

शाख से तोड़े गए फूल ने हँस कर ये कहा, अच्छा होना भी बुरी बात है इस दुनिया में।

कुछ सोचूं तो तेरा ख्याल आ जाता है, कुछ बोलूं तो तेरा नाम आ जाता है, कब तलक बयाँ करूँ दिल की बात, हर सांस में अब तेरा एहसास आ जाता है।

कुछ सोचूं तो तेरा ख्याल आ जाता है, कुछ बोलूं तो तेरा नाम आ जाता है, कब तलक बयाँ करूँ दिल की बात, हर सांस में अब तेरा एहसास आ जाता है।