तुम राह में चुप-चाप खड़े हो तो गए हो, किस-किस को बताओगे घर क्यों नहीं जाते।
 - New Shayari

तुम राह में चुप-चाप खड़े हो तो गए हो, किस-किस को बताओगे घर क्यों नहीं जाते।

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