कुछ इतने खामोश हुआ करते है, वो शरेआम नही हुआ करते है, कुछ रिश्ते सिर्फ महसूस हुआ करते है, उनके कोई नाम नही हुआ करते है।
नजरे कर्म मुझ पर इतना न कर, की तेरी इश्क में मैं बाघी हो जाऊ, मुझे इतना न पिला इश्क ए जाम, की मैं इस जहर की आदि हो जाऊँ।
हम अक्लमंद भी इतने है की उनका झूठ पकड़ लेते है, और उनसे प्यार भी इतना है की उनके झूठ को भी सच मान लेते है।
तेरी यादे भी क्या गजब की थी उनमे मैं चूर हो रहा हूँ, लिखता हूँ सिर्फ तेरे ही बारे में और मशहूर हो रहा हूँ।
बीते पलों को बापस नही ला सकोगे, सूखे फूलो को कभी नही खिला सकोगे, भले ही हम से दूर चले जाओ, लेकिन कभी हमे भुला नही सकोगे।
इतना भरोसा तो अपने वजूद पर रखते है, कोई हमसे कितना भी दूर हो जाये, पर हमे भुला नही सकता है।
मेरी तकमील में शामिल हैं कुछ तेरे हिस्से भी, हम अगर तुझसे न मिलते तो अधूरे रह जाते।
अब हम मोहब्बत के उस मुक़ाम पर आ चुके हैं, जहाँ दिल किसी और को सोचे भी तो गुनाह होता है।
तू मिले या न मिले ये मेरे मुकद्दर की बात है, सुकून बहुत मिलता है तुझे अपना सोचकर।
मिला वो लुत्फ हमको डूब कर तेरे ख्यालों में, कहाँ अब फर्क बाकी है अंधेरे और उजालों में।
सुकून मिल गया मुझ को बदनाम होकर, आपके हर एक इल्ज़ाम पे यूँ बेजुबान होकर, लोग पढ़ ही लेंगें आपकी आँखों में मोहब्बत, चाहे कर दो इनकार यूँ अनजान होकर।
इस लफ्ज-ए-मोहब्बत का इतना सा फसाना है, सिमटे तो दिल-ए-आशिक बिखरे तो जमाना है।
रह न पाओगे हमें भुला कर देख लो, यकीन न आये तो आजमा कर देख लो, हर जगह महसूस होगी हमारी कमी, बिना मेरे महफ़िल सजा कर देख लो।
आग के पास कभी मोम को ला कर देखूँ, हो इजाजत तो तुझे हाथ लगा कर देखूँ, दिल का मंदिर बड़ा वीरान नज़र आता है, सोचता हूँ तेरी तस्वीर लगाकर देखूँ।
हमें तो अपनी मोहब्बत को आजमाना था, तेरी गली से गुजरना तो एक बहाना था, करीब पहुंचे समंदर के तो ख्याल आया, हमें किसी की निगाहों में डूब जाना था।
जो प्यार जो हकीकत में प्यार होता है, वो जिन्दगी में सिर्फ एक बार होता है, निगाहों के मिलते-मिलते दिल मिल जाये, ऐसा इतेफाक सिर्फ एक बार होता है।
ना जाने मोहब्बत में कितने अफसाने बन जाते हैं, शमां जिसको जलाती है वो परवाने बन जाते हैं, कुछ हासिल करना ही प्यार की मंजिल नहीं होती, किसी को खोकर भी कुछ लोग दीवाने बन जाते हैं।
अजब मौसम है मेरे हर कदम पर फूल रखता है, मोहब्बत में मोहब्बत का फरिश्ता साथ चलता है, मैं जब सो जाऊँ इन आँखों पे अपने होंठ रख देना, यकीन आ जायेगा पलकों तले भी दिल धड़कता है।