काश कोई एसी सुभा मिले मुकद्दर मैं, आँख जो खुले तेरी चूड़ियों की छन-छन से…
 - good morning shayari

काश कोई एसी सुभा मिले मुकद्दर मैं, आँख जो खुले तेरी चूड़ियों की छन-छन से…

good morning shayari

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