दिन तेरे ख़याल में गुजर जाता हैं, रातों को भी ख़याल तेरा ही आता हैं, कभी ये ख़याल इस तरह बढ़ जाता है की, आयने में भी तेरा ही चेहरा नज़र आता हैं.
हमारी ज़िंदगी तो कब की बिखर गयी, हसरते सारी दिल में ही मर गयी, चल पड़ी वो जब से बैठ के डोली में, हमारी तो जीने की तमन्ना ही मर गयी।
ऊपर से गुस्सा दिल से प्यार करते हो, नज़रें चुराते हो दिल बेक़रार करते हो, लाख़ छुपाओ दुनिया से मुझे ख़बर है, तुम मुझे ख़ुद से भी ज्यादा प्यार करते हो।
खुबसूरत इन्सान से मोहब्बत नही होती, बल्कि जिस इन्सान से मोहब्बत होती है वो खुबसूरत लगने लगता है।
तुम्हें पाए बिना ही, तुम्हें खोने से डरता हूं।
दिल चाहता था, उसे नजरअंदाज करना, मगर आंखें थी कि, उस पर से हटी ही नहीं।
जो उनकी आँखों से बयाँ होते है वो लफ्ज़ किताबो में कहाँ होते है!
बहुत छोटी List है, मेरी ख्वाइशों की, पहली भी तुम और आखरी भी तुम।
उसकी बेवफाई पे भी फ़िदा होती है जान अपनी, अगर उस में वफ़ा होती तो क्या होता खुदा जाने।
गहराई प्यार में हो तो बेवफाई नहीं होती, सच्चे प्यार में कहीं तन्हाई नहीं होती, मगर प्यार ज़रा संभल कर करना मेरे दोस्त, प्यार के ज़ख्म की कोई दवा नहीं होती।
किसी का रूठ जाना और अचानक बेवफा होना, मोहब्बत में यही लम्हा क़यामत की निशानी है।
आज हम उनको बेवफा बताकर आए हैं, उनके खतो को पानी में बहाकर आए हैं, कोई निकाल न ले उन्हें पानी से, इस लिए पानी में भी आग लगा कर आए हैं।
इलाही क्यूँ नहीं उठती क़यामत माजरा क्या है, हमारे सामने पहलू में वो दुश्मन के बैठे हैं।
मेरी आँखों से बहने वाला ये आवारा सा आसूँ, पूछ रहा है पलकों से तेरी बेवफाई की वजह।
तू बेवफा है तेरी बेवफ़ाई में दिल बेकरार ही ना करूँ, तू हुक्म दे तो तेरा इंतेज़ार ही ना करूँ, बेवफा है तो कुछ इस कदर बेवफ़ाई कर, कि तेरे बाद मैं किसी और से प्यार ही ना करूँ।
जा तुझ को तेरे हाल पे छोड़ा, इस से बेहतर तेरी सजा भी क्या है।
आंसुओ तले मेरे सारे अरमान बह गये, जिनसे उम्मीद लगाए थे वही बेवफा हो गये, थी हमे जिन चिरागो से उजाले की चाह, वो चिराग ना जाने किन अंधेरो में खो गये।
उसने जी भर के मुझको चाहा था, फ़िर हुआ यूँ के उसका जी भर गया।