Chandra Shekhar Azad Quotes

Chandra Shekhar Azad Quotes with Images

Chandra Shekhar Azad Quotes in Hindi

जब तक मेरे शरीर में प्राण है मैं अंग्रेजों की गुलामी नहीं करूंगा।

आज का युवा संगठित हो रहा है यह मेरे देश की शक्ति का संगठन है।

किसी भी क्षण मैं मातृभूमि की खातिर अपने प्राण न्योछावर करने से पीछे नहीं हटूंगा।

शत्रु के साथ कैसी नम्रता हमारी नम्रता का ही फल है आज हमारी मातृभूमि संकट में है।

आज़ाद की कलाई में हथकड़ी लगाना बिल्कुल असंभव है एक बार सरकार लगा चुकी अब तो शरीर के टुकड़े टुकड़े हो जाएंगे लेकिन जीवित रहते पुलिस बंदी नहीं बना सकती।

किसी भी एक भारतवासी के जख्म का बदला हजारों जख्मों से लिया जाएगा यह चेतावनी नहीं घोषणा है।

भले ही मेरा प्राम्भिक जीवन आदिवासी इलाके में बीता है लेकिन मेरे दिल में संपूर्ण मातृभूमि बस्ती है।

ऐसी जवानी का क्या मतलब अगर वो मातृभूमि के काम ना आए।

सच्‍चा धर्म वही है जो स्‍वतंत्रता को परम मूल्‍य की तरह स्‍थापित करे।

मैं जीवन की अंतिम सांस तक देश के लिए शत्रु से लड़ता रहूंगा।

जब तक यह बमतुल बुखारा मेरे पास है। किसने अपनी माँ का दूध पीया है, जो मुझे जीवित पकड़ के ले जाए।

यदि कोई युवा मातृभूमि की सेवा नहीं करता है, तो उसका जीवन व्यर्थ है।

दूसरों को खुद से आगे बढ़ते हुए मत देखो. प्रतिदिन अपने खुद के कीर्तिमान तोड़ो।

महान ऊंचाई प्राप्त करने के लिए हमेशा जीवन में कुछ जोखिम लेना होगा।

मेरा यह छोटा सा संघर्ष ही कल के लिए महान बन जाएगा।

मेरे जज्बातों से इस कदर वाकिफ है, मेरी कलम मैं इश्क़ लिखना चाहूं, तो इंकलाब लिख जाता है।

मेरा नाम आजाद है, पिता का नाम स्वतंत्रता और पता जेल है।

चिंगारी आजादी की सुलगती मेरे जिस्‍म में हैं, इंकलाब की ज्वालाएं लिपटी मेरे बदन में हैं, मौत जहां जन्नत हो यह बात मेरे वतन में है, कुर्बानी का जज्बा जिंदा मेरे कफन में है।

अभी भी जिसका खून ना खौला, वो खून नहीं पानी है। जो देश के काम ना आए, वो बेकार जवानी है।।

में ऐसे धर्म को मानता हु, जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता हैं।

दुश्मन की गोलियों का, हम सामना करेंगे, आजाद ही रहे हैं, आजाद ही रहेंगे।

सफलता आपकी अपने आप से एक लड़ाई है।

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जब तक मेरे शरीर में प्राण है मैं अंग्रेजों की गुलामी नहीं करूंगा।
आज का युवा संगठित हो रहा है यह मेरे देश की शक्ति का संगठन है।
किसी भी क्षण मैं मातृभूमि की खातिर अपने प्राण न्योछावर करने से पीछे नहीं हटूंगा।
शत्रु के साथ कैसी नम्रता हमारी नम्रता का ही फल है आज हमारी मातृभूमि संकट में है।
आज़ाद की कलाई में हथकड़ी लगाना बिल्कुल असंभव है एक बार सरकार लगा चुकी अब तो शरीर के टुकड़े टुकड़े हो जाएंगे लेकिन जीवित रहते पुलिस बंदी नहीं बना सकती।
किसी भी एक भारतवासी के जख्म का बदला हजारों जख्मों से लिया जाएगा यह चेतावनी नहीं घोषणा है।
भले ही मेरा प्राम्भिक जीवन आदिवासी इलाके में बीता है लेकिन मेरे दिल में संपूर्ण मातृभूमि बस्ती है।
ऐसी जवानी का क्या मतलब अगर वो मातृभूमि के काम ना आए।
सच्‍चा धर्म वही है जो स्‍वतंत्रता को परम मूल्‍य की तरह स्‍थापित करे।
मैं जीवन की अंतिम सांस तक देश के लिए शत्रु से लड़ता रहूंगा।
 जब तक यह बमतुल बुखारा मेरे पास है। किसने अपनी माँ का दूध पीया है, जो मुझे जीवित पकड़ के ले जाए।
यदि कोई युवा मातृभूमि की सेवा नहीं करता है, तो उसका जीवन व्यर्थ है।
दूसरों को खुद से आगे बढ़ते हुए मत देखो. प्रतिदिन अपने खुद के कीर्तिमान तोड़ो।
महान ऊंचाई प्राप्त करने के लिए हमेशा जीवन में कुछ जोखिम लेना होगा।
मेरा यह छोटा सा संघर्ष ही कल के लिए महान बन जाएगा।
मेरे जज्बातों से इस कदर वाकिफ है, मेरी कलम मैं इश्क़ लिखना चाहूं, तो इंकलाब लिख जाता है।
मेरा नाम आजाद है, पिता का नाम स्वतंत्रता और पता जेल है।
चिंगारी आजादी की सुलगती मेरे जिस्‍म में हैं, इंकलाब की ज्वालाएं लिपटी मेरे बदन में हैं, मौत जहां जन्नत हो यह बात मेरे वतन में है, कुर्बानी का जज्बा जिंदा मेरे कफन में है।
अभी भी जिसका खून ना खौला, वो खून नहीं पानी है। जो देश के काम ना आए, वो बेकार जवानी है।।
में ऐसे धर्म को मानता हु, जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता हैं।
दुश्मन की गोलियों का, हम सामना करेंगे, आजाद ही रहे हैं, आजाद ही रहेंगे।
सफलता आपकी अपने आप से एक लड़ाई है।