जो मैं सचमुच हूँ और जो मैं फिल्मो में दिखता हूँ, इनके बीच की रेखा धीरे-धीरे घट रही है।
भारत में बहुत सारा साहित्य है जो एक औरत द्वारा एक उत्तम पुरुष की तलाश के बारे में लिखता है, जहाँ हर औरत एक उत्तम पुरुष को खोजती है पर अंत में उसका आधा ही पाती है।
जहाँ तक जनता का सवाल है। भारत आश्चर्यजनक रूप से धर्मनिरपेक्ष है।
मुझे सचमुच दूसरे नंबर पर रहना पसंद नहीं।
मैं अपना काम बहुत दिल और लगन से करता हु बाकि सब चीजे अपने आप होती है।
सफलता, असफलता के डर को खत्म करने के बाद ही आती है।
मुझसे बहुत से लोगो ने कहा में बहुत बदसूरत हु पर आज फिर भी सफल हूँ।
अगर आप ईमानदार हो तो फिर आप कुछ भी हो, सफल जरुर होगे।
जिंदगी चमत्कार से भरी हुई है बस इसे पूरी तरह से जिओ।