जो बीत गया है वो अब दौर न आएगा, इस दिल में सिवा तेरे कोई और न आएगा, घर फूंक दिया हमने, अब राख उठानी है, जिंदगी और कुछ नही, तेरी मेरी कहानी है। - Gulzar Shayari

जो बीत गया है वो अब दौर न आएगा, इस दिल में सिवा तेरे कोई और न आएगा, घर फूंक दिया हमने, अब राख उठानी है, जिंदगी और कुछ नही, तेरी मेरी कहानी है।

Gulzar Shayari