जो बीत गया है वो अब दौर न आएगा, इस दिल में सिवा तेरे कोई और न आएगा, घर फूंक दिया हमने, अब राख उठानी है, जिंदगी और कुछ नही, तेरी मेरी कहानी है।

जो बीत गया है वो अब दौर न आएगा, इस दिल में सिवा तेरे कोई और न आएगा, घर फूंक दिया हमने, अब राख उठानी है, जिंदगी और कुछ नही, तेरी मेरी कहानी है।

Gulzar Shayari

बेवक्त बेवजह बेसबब सी बेरूखी तेरी, फिर भी बेइम्तहा तुझे चाहने की बेबसी मेरी.

बेवक्त बेवजह बेसबब सी बेरूखी तेरी, फिर भी बेइम्तहा तुझे चाहने की बेबसी मेरी.

वो रूठे है हमसे कुछ ऐसे, की अब दोबारा नहीं मिलना चाहते वो हमसे।

वो रूठे है हमसे कुछ ऐसे, की अब दोबारा नहीं मिलना चाहते वो हमसे।

 तेरी यादो का सिलसिला कभी ख़त्म ना होगा, तेरे जाने के बाद अब इस दिल को फिर किसी से इश्क़ ना होगा।

तेरी यादो का सिलसिला कभी ख़त्म ना होगा, तेरे जाने के बाद अब इस दिल को फिर किसी से इश्क़ ना होगा।

 उनकी बेरुखी ने हमें इतना सताया है की हर दिन हमने अपना तन्हा ही बिताया है।

उनकी बेरुखी ने हमें इतना सताया है की हर दिन हमने अपना तन्हा ही बिताया है।

 इस दिल को आखिरकार कुछ तो मिला, तेरी महोब्बत ना सही लेकिन तेरी बेरुखी का हिस्सा तो बना।

इस दिल को आखिरकार कुछ तो मिला, तेरी महोब्बत ना सही लेकिन तेरी बेरुखी का हिस्सा तो बना।

ठुकराया हमने भी है बहुतों को तेरे खातिर तुझसे फासला भी शायद उनकी बद्दुआओं का असर है।

ठुकराया हमने भी है बहुतों को तेरे खातिर तुझसे फासला भी शायद उनकी बद्दुआओं का असर है।

मोहल्ले की मोहब्बत का भी अजीब फसाना है, चार घर की दुरी है और बिच में सारा जमाना है।

मोहल्ले की मोहब्बत का भी अजीब फसाना है, चार घर की दुरी है और बिच में सारा जमाना है।

दर्द भी वही देते हैं जिन्हे हक़ दिया जाता है, वरना गैर तो धक्का लगने पर भी माफ़ी मांग लिया करते हैं।

दर्द भी वही देते हैं जिन्हे हक़ दिया जाता है, वरना गैर तो धक्का लगने पर भी माफ़ी मांग लिया करते हैं।

शाम से आँख में नमी सी है, आज फिर आप की कमी सी है, दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले, नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है।

शाम से आँख में नमी सी है, आज फिर आप की कमी सी है, दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले, नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है।

जो जाहिर करना पड़े, वो दर्द कैसा, और जो दर्द न समझ सके, वो हमदर्द कैसा।

जो जाहिर करना पड़े, वो दर्द कैसा, और जो दर्द न समझ सके, वो हमदर्द कैसा।

अपनी पीठ से निकले खंजरों को जब गिना मैंने ठीक उतने ही निकले जितनो को गले लगाया था !

अपनी पीठ से निकले खंजरों को जब गिना मैंने ठीक उतने ही निकले जितनो को गले लगाया था !

लगे न नज़र इस रिश्ते को जमाने की, हमारी भी तमन्ना है. मरते दम तक आपसे दोस्ती निभाने की।

लगे न नज़र इस रिश्ते को जमाने की, हमारी भी तमन्ना है. मरते दम तक आपसे दोस्ती निभाने की।

मेरी आंखों ने पकड़ा है उन्हें कई बार रंगे हाथ वो इश्क करना तो चाहते हैं मगर घबराते बहुत हैं !

मेरी आंखों ने पकड़ा है उन्हें कई बार रंगे हाथ वो इश्क करना तो चाहते हैं मगर घबराते बहुत हैं !

थोडा है थोड़े की ज़रूरत है, ज़िन्दगी फिर भी यहाँ की खुबसूरत है।

थोडा है थोड़े की ज़रूरत है, ज़िन्दगी फिर भी यहाँ की खुबसूरत है।

जो हैरान हैं मेरे सब्र पर उनसे कह दो जो आंसू जमीन पर नहीं गिरते वो दिल चीर देते हैं..

जो हैरान हैं मेरे सब्र पर उनसे कह दो जो आंसू जमीन पर नहीं गिरते वो दिल चीर देते हैं..

हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते, वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते।

हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते, वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते।

तन्हाई की दीवारों पर घुटन का पर्दा झूल रहा हैं, बेबसी की छत के नीचे, कोई किसी को भूल रहा हैं।

तन्हाई की दीवारों पर घुटन का पर्दा झूल रहा हैं, बेबसी की छत के नीचे, कोई किसी को भूल रहा हैं।

मुझे मालूम था कि वो मेरा हो नही सकता, मगर देखो मुझे फिर भी मोहब्बत हो गई उससे..

मुझे मालूम था कि वो मेरा हो नही सकता, मगर देखो मुझे फिर भी मोहब्बत हो गई उससे..