नहीं बदल सकते हैं हम, खुद को औरो के हिसाब से, एक लिबास हमें भी दिया है, खुदा ने अपने हिसाब। - Gulzar Shayari

नहीं बदल सकते हैं हम, खुद को औरो के हिसाब से, एक लिबास हमें भी दिया है, खुदा ने अपने हिसाब।

Gulzar Shayari