दिल अब पहले सा मासूम नहीं रहा, पत्त्थर तो नहीं बना पर अब मोम भी नही रहा। - Gulzar Shayari

दिल अब पहले सा मासूम नहीं रहा, पत्त्थर तो नहीं बना पर अब मोम भी नही रहा।

Gulzar Shayari