वह वाकिफ मेरे हाल से कि मैं बेचैन इस रात से वह शातिर अपने अंदाज से मैं अनजान उसकी चाल से! - Armaan Shayari

वह वाकिफ मेरे हाल से कि मैं बेचैन इस रात से वह शातिर अपने अंदाज से मैं अनजान उसकी चाल से!

Armaan Shayari