कैसी ख़्वाहिश, कौन-सी आरज़ू वक़्त ने जो थमा दिया, वही लेकर चल दिए! - Aarzoo Shayari

कैसी ख़्वाहिश, कौन-सी आरज़ू वक़्त ने जो थमा दिया, वही लेकर चल दिए!

Aarzoo Shayari