निगाहें नाज करती है फलक के आशियाने से रूठ जाता है खुदा भी किसी का दिल दुखाने से। - Poetry Shayari

निगाहें नाज करती है फलक के आशियाने से रूठ जाता है खुदा भी किसी का दिल दुखाने से।

Poetry Shayari