ज़िन्दगी की राह पे अकेला  छोड़ा था मुझको अब मौत के राह पे साथ ले चलना मुझको - Poetry Shayari

ज़िन्दगी की राह पे अकेला छोड़ा था मुझको अब मौत के राह पे साथ ले चलना मुझको

Poetry Shayari