जिसको आज मुझमें हज़ारों गलतियां नज़र आती हैं कभी उसी ने कहा था तुम जैसे भी हो मेरे हो। - Poetry Shayari

जिसको आज मुझमें हज़ारों गलतियां नज़र आती हैं कभी उसी ने कहा था तुम जैसे भी हो मेरे हो।

Poetry Shayari