तोड़ कर जोड़ लो चाहे हर चीज़ दुनिया की, सबकी मरम्मत मुमकिन है ऐतबार के सिवा।
 - New Shayari

तोड़ कर जोड़ लो चाहे हर चीज़ दुनिया की, सबकी मरम्मत मुमकिन है ऐतबार के सिवा।

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