Bhagat Singh Jayanti Wishes, Messages, Quotes, Status, and Images

Bhagat Singh Jayanti Messages, Wishes, Status, Greetings, Wallpaper, and Quotes with Images.

bhagat singh jayanti Status

आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे, बची हो जो एक बूंद भी लहू की तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे।

इतनी सी बात हवाओ को बताए रखना रोशनी होगी चिरागों को जलाए रखना लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने ऐसे तिरंगे को हमेशा अपने दिल में बसाए रखना।

चलो फिर से आज वो नजारा याद कर ले शहीदों के दिल में थी जो ज्वाला वो याद कर ले जिसमे बहकर आजादी पहुंची थी किनारे पे देशभक्तों के खून की वो धरा याद कर ले।

लिख रहा हूं मै अजांम जिसका कल आगाज आयेगा, मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लाऐगा।

ज़िन्दगी तो अपने दम पर जी जाती है, दूसरों के कंधों पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं।

नौजवान जब उठते हैं तो निजाम बदल जाते हैं, भगतसिंह तो आज भी पैदा होते हैं बस नाम बदल जाते हैं।

इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज्बातों से अगर में इश्क लिखना भी चाहूँ तो इंकलाब लिखा जाता है।

मुझे तन चाहिए, ना धन चाहिए, बस अमन से भरा यह वतन चाहिए, जब तक जिंदा रहूं, इस मातृ-भूमि के लिए, और जब मरूं तो तिरंगा ही कफन चाहिए।

इतनी सी बात हवाओं को बताये रखना, रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना, लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने, ऐसे तिरंगे को हमेशा दिल में बसाये रखना।

राख का हर एक कण, मेरी गर्मी से गतिमान है, मैं एक ऐसा पागल हूं, जो जेल में भी आजाद है।

खुशनसीब हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं, मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं, करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पे मिटने वालों, तुम्हारी हर साँस में तिरंगे का नसीब बसता है।

भारत माता के सच्चे सपूत जननायक शहीद आजाद भगत सिंह जी की जयंती पर शत-शत नमन

सीनें में जुनूं, आंखों में देशभक्ति की चमक रखता हूं, दुश्मन की सांसें थम जाए, आवाज में वो धमक रखता हूं।

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आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे, बची हो जो एक बूंद भी लहू की तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे।
इतनी सी बात हवाओ को बताए रखना रोशनी होगी चिरागों को जलाए रखना लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने ऐसे तिरंगे को हमेशा अपने दिल में बसाए रखना।
चलो फिर से आज वो नजारा याद कर ले शहीदों के दिल में थी जो ज्वाला वो याद कर ले जिसमे बहकर आजादी पहुंची थी किनारे पे देशभक्तों के खून की वो धरा याद कर ले।
लिख रहा हूं मै अजांम जिसका कल आगाज आयेगा, मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लाऐगा।
ज़िन्दगी तो अपने दम पर जी जाती है, दूसरों के कंधों पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं।
नौजवान जब उठते हैं तो निजाम बदल जाते हैं, भगतसिंह तो आज भी पैदा होते हैं बस नाम बदल जाते हैं।
इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज्बातों से अगर में इश्क लिखना भी चाहूँ तो इंकलाब लिखा जाता है।
मुझे तन चाहिए, ना धन चाहिए, बस अमन से भरा यह वतन चाहिए, जब तक जिंदा रहूं, इस मातृ-भूमि के लिए, और जब मरूं तो तिरंगा ही कफन चाहिए।
इतनी सी बात हवाओं को बताये रखना, रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना, लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने, ऐसे तिरंगे को हमेशा दिल में बसाये रखना।
राख का हर एक कण, मेरी गर्मी से गतिमान है, मैं एक ऐसा पागल हूं, जो जेल में भी आजाद है।
खुशनसीब हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं, मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं, करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पे मिटने वालों, तुम्हारी हर साँस में तिरंगे का नसीब बसता है।
भारत माता के सच्चे सपूत जननायक शहीद आजाद भगत सिंह जी की जयंती पर शत-शत नमन
सीनें में जुनूं, आंखों में देशभक्ति की चमक रखता हूं, दुश्मन की सांसें थम जाए, आवाज में वो धमक रखता हूं।