यह शरीर कच्चा घडा है जिसे तू साथ लिए घूमता फिरता था। जरा सी चोट लगते ही यह फूट गया। कुछ भी हाथ नहीं आया। - Sant Kabir Das  Quotes

यह शरीर कच्चा घडा है जिसे तू साथ लिए घूमता फिरता था। जरा सी चोट लगते ही यह फूट गया। कुछ भी हाथ नहीं आया।

Sant Kabir Das

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