दर्शन के बिना धर्म भावना है, या कभी-कभी कट्टरता है, जबकि धर्म के बिना दर्शन मानसिक अटकलें हैं| - A. C. Bhaktivedanta Swami Prabhupada  Quotes

दर्शन के बिना धर्म भावना है, या कभी-कभी कट्टरता है, जबकि धर्म के बिना दर्शन मानसिक अटकलें हैं|

A. C. Bhaktivedanta Swami Prabhupada