सच देखना भी हर किसी के वश में नहीं होता, इंसान भी बेबस है अपनी किस्मत के आगे। - Kismat Shayari

सच देखना भी हर किसी के वश में नहीं होता, इंसान भी बेबस है अपनी किस्मत के आगे।

Kismat Shayari