हँस हँस के जवां दिल के हम क्यों न चुनें टुकडे, हर शख्स की किस्मत में इनाम नहीं होता। - Kismat Shayari

हँस हँस के जवां दिल के हम क्यों न चुनें टुकडे, हर शख्स की किस्मत में इनाम नहीं होता।

Kismat Shayari