मौत-ओ-हस्ती की कशमकश में कटी उम्र तमाम, गम ने जीने न दिया शौक ने मरने न दिया ! - Maut Shayari

मौत-ओ-हस्ती की कशमकश में कटी उम्र तमाम, गम ने जीने न दिया शौक ने मरने न दिया !

Maut Shayari