इसलिए आरज़ू छुपाई है, मुँह से निकली हुई पराई है. क़मर जलालवी.

इसलिए आरज़ू छुपाई है, मुँह से निकली हुई पराई है. क़मर जलालवी.

Aarzoo Shayari

मैं जिसकी गोद में सर रख के सोई वही सपनों में मेरे आ रहा है!

मैं जिसकी गोद में सर रख के सोई वही सपनों में मेरे आ रहा है!

उम्र-ए-दराज़ मांग के लाये थे चार दिन, दो आरज़ू में कट गए दो इंतजार में,.

उम्र-ए-दराज़ मांग के लाये थे चार दिन, दो आरज़ू में कट गए दो इंतजार में,.

मेरे क्यों कदम फिर तेरी ओर जाए तुझे जब मेरी आरजू ही नहीं है!

मेरे क्यों कदम फिर तेरी ओर जाए तुझे जब मेरी आरजू ही नहीं है!

आरज़ू, हसरत, तमन्ना और ख़ुशी कुछ भी नही, ज़िन्दगी में तू नही तो ज़िन्दगी कुछ भी नही..

आरज़ू, हसरत, तमन्ना और ख़ुशी कुछ भी नही, ज़िन्दगी में तू नही तो ज़िन्दगी कुछ भी नही..

सियासतदार थे वो यार फ़ितरत थी मुकर जाना कि पागल थे लगा बैठे वफ़ा की आरज़ू उनसे!

सियासतदार थे वो यार फ़ितरत थी मुकर जाना कि पागल थे लगा बैठे वफ़ा की आरज़ू उनसे!

हम क्या करें अगर न तिरी आरज़ू करें, दुनिया में और भी कोई तेरे सिवा है क्या. हसरत मोहानी.

हम क्या करें अगर न तिरी आरज़ू करें, दुनिया में और भी कोई तेरे सिवा है क्या. हसरत मोहानी.

ज़िंदगी मेरी है तो एक ही काम की है आरज़ू तेरी है बस एक ही नाम की है।

ज़िंदगी मेरी है तो एक ही काम की है आरज़ू तेरी है बस एक ही नाम की है।

कोई गिला कोई शिकवा जरा रहे तुमसे, ये आरजू है कि इक सिलसिला रहे तुमसे..

कोई गिला कोई शिकवा जरा रहे तुमसे, ये आरजू है कि इक सिलसिला रहे तुमसे..

मुझ को ये आरज़ू वो उठाएँ नक़ाब ख़ुद उन को ये इंतिज़ार तक़ाज़ा करे कोई

मुझ को ये आरज़ू वो उठाएँ नक़ाब ख़ुद उन को ये इंतिज़ार तक़ाज़ा करे कोई

यही है आरज़ू बस आप से दिलबर जरा दिल तोड़िए आहिस्ता आहिस्ता!

यही है आरज़ू बस आप से दिलबर जरा दिल तोड़िए आहिस्ता आहिस्ता!

ख़ामोश सा शहर और गुफ़्तगू की आरज़ू, हम किससे करें बात, कोई बोलता ही नही!

ख़ामोश सा शहर और गुफ़्तगू की आरज़ू, हम किससे करें बात, कोई बोलता ही नही!

वो हादसे भी दहर में हम पर गुज़र गए, जीने की आरज़ू में कई बार मर गए!

वो हादसे भी दहर में हम पर गुज़र गए, जीने की आरज़ू में कई बार मर गए!

आरज़ू तुमसे आरज़ू है मेरी तुम मेरी आरज़ू बनोगी क्या

आरज़ू तुमसे आरज़ू है मेरी तुम मेरी आरज़ू बनोगी क्या

तुझसे मिले न थे तो कोई आरजू न थी, देखा तुम्हें तो तेरे तलबगार हो गये…

तुझसे मिले न थे तो कोई आरजू न थी, देखा तुम्हें तो तेरे तलबगार हो गये…

कटती है आरज़ू के सहारे ज़िन्दगी, कैसे कहूँ किसी की तमन्ना नहीं..

कटती है आरज़ू के सहारे ज़िन्दगी, कैसे कहूँ किसी की तमन्ना नहीं..

दस्तक सुनी तो जाग उठा दर्दे आरज़ू, अपनी तरफ क्यों आती नहीं प्यार की हवा…

दस्तक सुनी तो जाग उठा दर्दे आरज़ू, अपनी तरफ क्यों आती नहीं प्यार की हवा…

कुछ आग आरज़ू की, उम्मीद का धुआँ कुछ, हाँ राख ही तो ठहरा, अंजाम जिंदगी का..

कुछ आग आरज़ू की, उम्मीद का धुआँ कुछ, हाँ राख ही तो ठहरा, अंजाम जिंदगी का..

भरे हुए जाम पर सुराही का सर झुका तो बुरा लगेगा जिसे तेरी आरज़ू नहीं तू उसे मिला तो बुरा लगेगा

भरे हुए जाम पर सुराही का सर झुका तो बुरा लगेगा जिसे तेरी आरज़ू नहीं तू उसे मिला तो बुरा लगेगा