खुशनसीब हैं बिखरे हुए यह ताश के पत्ते बिखरने के बाद उठाने वाला तो कोई है इनको! - Poetry Shayari

खुशनसीब हैं बिखरे हुए यह ताश के पत्ते बिखरने के बाद उठाने वाला तो कोई है इनको!

Poetry Shayari