चाँद भी झाँकता है खिड़कियों से मेरी तन्हाईयों की चर्चा अब आसमानों में है। - Poetry Shayari

चाँद भी झाँकता है खिड़कियों से मेरी तन्हाईयों की चर्चा अब आसमानों में है।

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