खुदा या नाखुदा अब जिसको चाहो बख्श दो इज्जत, हकीकत में तो कश्ती इत्तिफाकन बच गई अपनी।
 - New Shayari

खुदा या नाखुदा अब जिसको चाहो बख्श दो इज्जत, हकीकत में तो कश्ती इत्तिफाकन बच गई अपनी।

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