सोई हुई तड़प को फिर, जगा रहा है कोई, कहता तो कुछ नहीं बस याद आ रहा है कोई।
 - New Shayari

सोई हुई तड़प को फिर, जगा रहा है कोई, कहता तो कुछ नहीं बस याद आ रहा है कोई।

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