फिर सुबह एक नई रोशन हुई, फिर उम्मीदें नींद से झांकती मिली, वक़्त का पंछी घरोंदे से उड़ा, अब कहाँ ले जाए तूफाँ क्या पता। - good morning shayari

फिर सुबह एक नई रोशन हुई, फिर उम्मीदें नींद से झांकती मिली, वक़्त का पंछी घरोंदे से उड़ा, अब कहाँ ले जाए तूफाँ क्या पता।

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