Dr Sarvepalli Radhakrishnan Quotes

Dr Sarvepalli Radhakrishnan Quotes with Images

Dr Sarvepalli Radhakrishnan Quotes in Hindi

सबसे बुरे पापी का भविष्य है, यहां तक कि सबसे बड़े संत का भी अतीत रहा है। कोई भी इतना अच्छा या बुरा नहीं है जितना वह कल्पना करता है।

केवल तकनीकी दक्षता ही हांसिल करने से कुछ नहीं होता बल्कि आत्मा की महानता प्राप्त करने की भी ज़रुरत है।

हिन्दू धर्म सिर्फ एक आस्था नहीं है बल्कि यह तर्क और अन्दर से आने वाली आवाज़ का समागम है। इसे सिर्फ अनुभव किया जा सकता है परिभाषित नहीं।

ज्ञान और विज्ञान के आधार पर ही आनंद और ख़ुशी का जीवन संभव है।

जो जीवन अभी हम जी रहे हैं वास्तव में हम जैसा जीवन जी सकते हैं उसका कच्चा रूप है।

धर्म द्वारा भय पर विजय प्राप्त होती हैं।

एक सच्चा धर्म उत्पीड़न, विशेषाधिकार और अन्याय का दुश्मन है। एक सच्चा धर्म एक क्रांतिकारी ताकत है।

ईश्वर सभी आत्माओं की आत्मा है ; परमात्मा – परम चेतना !

धन, शक्ति और दक्षता को हम जीवन मान लेते हैं, लेकिन यह चीज़े केवल जीवन के साधन हैं खुद जीवन नहीं।

एक सच्चा गुरु हमें खुद के बारे में सोचने में हमारी मदद करता है।

मौत कभी अंत या बाधा नहीं होती बल्कि यह अधिक से अधिक नए कदमो की शुरुआत होती है।

माना जाता हैं कि धर्म के बिना इंसान एक बिन लगाम के घोड़े की तरह है।

शिक्षकों को देश का सर्वश्रेष्ठ दिमाग होना चाहिए।

कवि के धर्म में किसी निश्चित सिद्धांत के लिए कोई स्थान नहीं है।

यदि मानव दानव बन जाये तो यह उसकी हार होगी, और यदि मानव महामानव बन जाये तो यह उसका चमत्कार होगा। और यदि मनुष्य मानव बन जाये तो यह उसकी जीत होगी।

शिक्षा के द्वारा ही मानव मस्तिष्क का सदुपयोग किया जा सकता है। अत: विश्व को एक ही इकाई मानकर शिक्षा का प्रबंधन करना चाहिए।

किताबें पढ़ना ज्ञान बढ़ाने के साथ साथ मन में एकाग्रता, एकांत में विचार करने की आदत और सच्ची ख़ुशी देता है।

शिक्षा वह है जो एक मुक्त रचनात्मक व्यक्ति का निर्माण करे। ऐसा शिक्षित व्यक्ति ही ऐतिहासिक परिस्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं के विरुद्ध लड़ सकता है।

लोकतंत्र सिर्फ विशेष लोगों के नहीं बल्कि हर एक मनुष्य की आध्यात्मिक संभावनाओं में एक यकीन है।

पुस्तकें वो साधन हैं जिनके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों के बीच पुल का निर्माण कर सकते हैं.

हमें राजनीतिक या आर्थिक बदलाव से शांति नहीं मिलती बल्कि शांति मानवीय स्वभाव में बदलाव से आ सकती है।

दुनिया के सारे संगठन अप्रभावी हो जायेंगे यदि यह सत्य कि प्रेम द्वेष से शक्तिशाली होता है उन्हें प्रेरित नही करता!

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सबसे बुरे पापी का भविष्य है, यहां तक कि सबसे बड़े संत का भी अतीत रहा है। कोई भी इतना अच्छा या बुरा नहीं है जितना वह कल्पना करता है।
केवल तकनीकी दक्षता ही हांसिल करने से कुछ नहीं होता बल्कि आत्मा की महानता प्राप्त करने की भी ज़रुरत है।
हिन्दू धर्म सिर्फ एक आस्था नहीं है बल्कि यह तर्क और अन्दर से आने वाली आवाज़ का समागम है। इसे  सिर्फ अनुभव किया जा सकता है परिभाषित नहीं।
ज्ञान और विज्ञान के आधार पर ही आनंद और ख़ुशी का जीवन संभव है।
जो जीवन अभी हम जी रहे हैं वास्तव में हम जैसा जीवन जी सकते हैं उसका कच्चा रूप है।
धर्म द्वारा भय पर विजय प्राप्त होती हैं।
एक सच्चा धर्म उत्पीड़न, विशेषाधिकार और अन्याय का दुश्मन है। एक सच्चा धर्म एक क्रांतिकारी ताकत है।
ईश्वर सभी आत्माओं की आत्मा है ; परमात्मा – परम चेतना !
धन, शक्ति और दक्षता को हम जीवन मान लेते हैं, लेकिन यह चीज़े केवल जीवन के साधन हैं खुद जीवन नहीं।
एक सच्चा गुरु हमें खुद के बारे में सोचने में हमारी मदद करता है।
मौत कभी अंत या बाधा नहीं होती बल्कि यह अधिक से अधिक नए कदमो की शुरुआत होती है।
माना जाता हैं कि धर्म के बिना इंसान एक बिन लगाम के घोड़े की तरह है।
शिक्षकों को देश का सर्वश्रेष्ठ दिमाग होना चाहिए।
कवि के धर्म में किसी निश्चित सिद्धांत के लिए कोई स्थान नहीं है।
यदि मानव दानव बन जाये तो यह उसकी हार होगी, और यदि मानव महामानव बन जाये तो यह उसका चमत्कार होगा। और यदि मनुष्य मानव बन जाये तो यह उसकी जीत होगी।
शिक्षा के द्वारा ही मानव मस्तिष्क का सदुपयोग किया जा सकता है। अत: विश्व को एक ही इकाई मानकर शिक्षा का प्रबंधन करना चाहिए।
किताबें पढ़ना ज्ञान बढ़ाने के साथ साथ मन में एकाग्रता, एकांत में विचार करने की आदत और सच्ची ख़ुशी देता है।
शिक्षा वह है जो एक मुक्त रचनात्मक व्यक्ति का निर्माण करे। ऐसा शिक्षित व्यक्ति ही ऐतिहासिक परिस्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं के विरुद्ध लड़ सकता है।
लोकतंत्र सिर्फ विशेष लोगों के नहीं बल्कि हर एक मनुष्य की आध्यात्मिक संभावनाओं में एक यकीन है।
पुस्तकें वो साधन हैं जिनके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों  के बीच पुल का निर्माण कर सकते हैं.
हमें राजनीतिक या आर्थिक बदलाव से शांति नहीं मिलती बल्कि शांति मानवीय स्वभाव में बदलाव से आ सकती है।
 दुनिया के सारे संगठन अप्रभावी हो जायेंगे यदि यह सत्य कि प्रेम द्वेष से शक्तिशाली होता है उन्हें प्रेरित नही करता!